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Wednesday, November 25, 2015

देश द्रोही है,...... पक्का वाला

याद होगा PK की बंपर ओपनिंग हुई थी उसके बाद बंपर कलेक्शन।  लेकिन बाद में सुदर्शन न्यूज़ ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें दिखाया गया था कि लगभग ६०० सिनेमा घरों के बाहर हाउसफुल के बोर्ड लगे थे और अंदर एक भी आदमी नहीं बैठा था। कारण ?.......... अजी वही काले को सफ़ेद करने का काम। ज्ञातव्य हो भारतीय हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हवाले की रकम को खपाने का जरिया बन चुकी है। और रकम किसकी ? ..........सब जानते हैं। तो जनाब "दंगल" तैयार है दंगल मचाने को लेकिन इसी बीच दंगल का अखाड़ा दाभोल ने खोद दिया। मने D गैंग की फंडिंग डैश डैश डैश ........ मोदी दाभोल & पार्टी ने सांप के फन पर लात रख दिया अमीरात से लेकर ब्रिटेन तक।  अब हवाले की रकम का आना जाना बंद और चंदा खोर गैंग को मरोड़ें उठनी शुरू। तो जनाब इस असहिष्णुता के पीछे के खेल को समझो।  
आज मेरे ऑफिस का मित्र बता रहा था कि कल वो PRDP अरे वही "प्रेम रतन धन पायो" देखने गया था और सिनेमा हाल में कुल ३ लोग बैठे थे। एक तरफ 300 करोड़ का कलेक्शन और दूसरी तरफ 3 लोग सिनेमा हाल में। तो भइया समझो इस खेल को और जो जो इन असहिष्णु लोगों की तरफदारी कर रहा है समझ लो पक्का देश द्रोही है, पक्का वाला। 

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झलक दिखलाओ भाईयों स्नैप डील का एप अन इंस्टॉल करके। इस भाँड़ को भी पता चले की असहिष्णुता किसे कहते हैं।
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शाहरुख़ खान का यू टर्न

शाहरुख़ खान का यू टर्न,  बोले ​- भारत को कभी नहीं बताया असहिष्णु। 
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इसी को कहा जाता है थूक के चाटना। घर घर आ के मारने वाले थे लाला ? क्या हुआ ? देख लिया ना संगठित शक्ति को। जब पेट पे लात पड़ती है ना तो बड़े बड़े घुटना टेक देते हैं लाले।  तुम किस खेत की मूली हो ? हमारा खा के हमीं पे म्याउं। पेट की आग सब करवाएगी लाले।  फिल्म रिलीज होने वाली है ना। अब देखना अपना हश्र। छोड़ना मत दोस्तों फिल्म आने वाली है इसकी, पूर्ण बहिष्कार करो इनका।  इनको इनकी औकात दिखाओ। 


#Don't let him go, still boycott his films & products.  

गदहा Vs स्नैपडील

"खेत खाए गदहा मार खाए जोलहा"  या   "खाया पीया ख़ाक नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना".......... वाली कहावत सा हाल हो गया है स्नैपडील का। 

Monday, November 9, 2015

साधू

साधू क्यों दिमाग खराब कर रहा है, ये राजनीति के पचड़े में अपने पाँव क्यों घुसा रहा है। ये तेरा काम नहीं है। तू चल अपने काम पे। ना घर तेरा ना घर मेरा दुनिया रैन बसेरा। लेना एक न देना दो। फिर क्या घर फूंक तमाशा देखना? जीत तेरी होनी नहीं है और हार तुझे बर्दास्त नहीं। फिर क्यों हार जीत के खेल में उलझ रहा है। छोड़ ये दुनिया जी का जंजाल है। फिर क्यों दिमाग खराब कर रहा है। जब उनका गला कटेगा तब तेरा भी कट जाएगा। नई कौन सी बात होगी? चल अपनी राह। हार जीत की लालसा गृहस्थियों के काम हैं। तू चल यहाँ से.…… छोड़ देश दुनिया। चल अपनी राह। सैर कर अंतर्मन की,  मौज कर मौज में रह। चल खुसरो घर आपने…
साधो ये मुर्दों का देश....